भारतीय शेयर बाजार: SEBI के नए नियमों का प्रभाव

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भारतीय शेयर बाजार: SEBI के नए नियमों का प्रभाव

भारतीय शेयर बाजार में छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने फ्यूचर्स और ऑप्शन्स (F&O) के लिए नियमों को कड़ा किया है। ये बदलाव नवंबर से प्रभावी होंगे और इनमें अनुबंध के आकार में वृद्धि, मार्जिन आवश्यकताओं में वृद्धि, और साप्ताहिक अनुबंधों की संख्या में कमी शामिल है। आइए, इन नए नियमों का विस्तृत विश्लेषण करते हैं।

अनुबंध के आकार में वृद्धि

SEBI के अनुसार, इंडेक्स ऑप्शन्स और फ्यूचर्स का अनुबंध आकार वर्तमान ₹5 लाख से ₹10 लाख की सीमा से बढ़कर ₹15 लाख होगा। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के चीफ स्ट्रैटेजी और ट्रांसफॉर्मेशन ऑफिसर कुणाल संघवी का कहना है कि, “यह वृद्धि छोटे निवेशकों और खुदरा प्रतिभागियों द्वारा अति जोखिम उठाने और नुकसान से बचाने में सहायक होगी।” इस कदम से अटकलें कम करने की उम्मीद है।

साप्ताहिक अनुबंधों की संख्या में कमी

SEBI द्वारा उठाए गए कदमों में साप्ताहिक ऑप्शन अनुबंधों की संख्या को कम करना सबसे सकारात्मक कदम माना जा रहा है। जेफ्रीज़ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के अनुसार, अब हर एक्सचेंज पर एक बेंचमार्क इंडेक्स के लिए केवल एक साप्ताहिक अनुबंध होगा, जिससे महीने में कुल 6 अनुबंध होंगे (वर्तमान में 18)। यह कदम बिना कवर के या नग्न विकल्प बेचने को सीमित करेगा।

मार्जिन परिवर्तन

मार्जिन आवश्यकताओं में भी बदलाव होंगे। कैलेंडर अनुबंधों के लिए अंतिम दिन पर क्रॉस मार्जिन लाभ को हटाने से व्यापारियों को रोलओवर करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा, जिससे समाप्ति दिन पर अटकलें कम होंगी। हालांकि, जेफ्रीज़ के विश्लेषकों का मानना है कि मार्जिन में वृद्धि अपेक्षा से कम है। विकल्प विक्रेताओं के लिए समाप्ति दिन पर अतिरिक्त मार्जिन 2% प्रस्तावित किया गया है, जबकि T-1 दिन पर कोई अतिरिक्त मार्जिन नहीं होगा।

चरणबद्ध कार्यान्वयन

पहले तीन कदम—साप्ताहिक अनुबंधों में कमी, अतिरिक्त मार्जिन, और अधिक अनुबंध का आकार—छोटे निवेशकों पर उच्च प्रभाव डालेंगे और इन्हें 20 नवंबर से लागू किया जाएगा। हालांकि, अन्य उपाय, जैसे प्रीमियम का अग्रिम संग्रह और कैलेंडर स्प्रेड्स की समाप्ति, 1 फरवरी 2025 से लागू होंगे। जेफ्रीज़ का मानना है कि चरणबद्ध कार्यान्वयन से बाजार की सेहत में सुधार होगा और यह किसी भी प्रणालीगत झटके को रोकने में मदद करेगा।

निष्कर्ष

SEBI के इन नए नियमों का उद्देश्य छोटे निवेशकों के लिए एक सुरक्षित और स्थिर निवेश वातावरण तैयार करना है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने निवेश निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श लें।

कॉल टू एक्शन

यदि आप भारतीय शेयर बाजार में निवेश करने का सोच रहे हैं या SEBI के नए नियमों के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो कृपया अपने नजदीकी वित्तीय सलाहकार से संपर्क करें।

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