कर्नाटका के मुख्यमंत्री, सिद्धारमैया, MUDA साइट आवंटन मामले में अपनी कथित संलिप्तता के कारण विवाद के केंद्र में हैं। इस स्थिति ने उनके कार्यकाल को लेकर बढ़ती अटकलों को जन्म दिया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, वरिष्ठ कांग्रेस मंत्रियों जी. परमेश्वर, एचसी महादेवप्पा, और सतीश जारकीहोली ने मंगलवार रात एक बैठक की। इस बैठक ने राजनीतिक हलकों में चर्चा को तेज कर दिया है, जिसमें कई लोग मानते हैं कि ये मंत्री नेतृत्व परिवर्तन की स्थिति में शीर्ष पद के लिए अपने कदम बढ़ा रहे हैं।
SC/ST मुख्यमंत्री?
रिपोर्ट के अनुसार, ये मंत्री सिद्धारमैया के स्थान पर अनुसूचित जातियों (SC) या अनुसूचित जनजातियों (ST) के नेता को नियुक्त करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। इनमें से सतीश जारकीहोली ST समुदाय से हैं, जबकि जी. परमेश्वर और एचसी महादेवप्पा SC वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं।
सिद्धारमैया और MUDA ‘स्कैम’
कर्नाटका हाई कोर्ट ने 24 सितंबर को सिद्धारमैया की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने गवर्नर थावरचंद गेहलोत द्वारा उनके खिलाफ जांच की मंजूरी को चुनौती दी थी। कोर्ट ने कहा कि गवर्नर का आदेश “बुद्धि की कमी” से प्रभावित नहीं है। इस फैसले ने सिद्धारमैया के इस्तीफे की मांग को और तेज कर दिया है, जिसमें बीजेपी और उनके अपने पार्टी के कुछ गुट शामिल हैं।
26 सितंबर को बीजेपी ने विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें सिद्धारमैया से उनके पद से हटने की मांग की गई। इसके जवाब में, मुख्यमंत्री ने आरोपों को बीजेपी द्वारा रची गई “साजिश” बताया और अपने इस्तीफे की संभावना को ठुकरा दिया। डिप्टी चीफ मिनिस्टर DK शिवकुमार ने भी सिद्धारमैया के समर्थन में कहा कि पूरी कांग्रेस पार्टी उनके साथ एकजुट है।
निष्कर्ष
कर्नाटका की राजनीति में इस घटनाक्रम ने एक बार फिर से चर्चा को जन्म दिया है। क्या सिद्धारमैया अपने पद पर बने रह पाएंगे, या कांग्रेस नेतृत्व में बदलाव होगा, यह आने वाला समय ही बताएगा।
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